व्यक्तित्व के विकास के लिए जरूरी है शिक्षा, आचरण, कठिन श्रम, संवेदनाओं, सूचना-संचार का संतुलन- डॉ. रत्तू
लाडनूँ, 14 जुलाई 2022। जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की प्रेरणा एवं प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी के निर्देशन में चल रहे सात दिवसीय व्यक्तित्व विकास व्याख्यान माला के चतुर्थ दिवस मुख्य वक्ता जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मीडिया के डायरेक्टर डा. केके रत्तू ने कहा है कि कभी अपने आपको कमजोर मत समझो, बल्कि यह मानकर चलना चाहिए कि आप विश्व के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हो। अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखोगे तो हौसले खुद ही फौलादी बन जाएंगे। जीवन में साहस का महत्व होता है और साहस की बदौलत ही बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने शिक्षा, आचरण, कठिन श्रम, संवेदनाएं, सूचना का संचार आदि तत्वों का विश्लेषण करते हुए बताया कि व्यक्तित्व के विकास के लिए इन सब तत्वों की आवश्यकता रहती है। समय की पाबंदी के साथ इनका उचित प्रबंधन किया जाए, तो सफलता हर हाल मिलती ही है। उन्होंने अपने भीतर की ऊर्जा की चर्चा करते हुए कहा कि ऊर्जा के होने पर चेहरे पर स्वतः ही नूर आ जाता है। डा. रत्तू ने सूचना प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान में सफलता के लिए आईटी भी एक सबल आधार है। प्रारम्भ में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत किया और अंत में श्वेता खटेड़ ने आभार ज्ञापित किया। संचालन प्रगति चौरड़िया ने किया। कार्यक्रम में प्रो. रेखा तिवाड़ी, डॉ. विनोद सियाग, डॉ. हेमपुष्पा, डॉ. आयुषी शर्मा, डॉ. बलवीर सिंह, डॉ. जेपी सिंह, गौतम जैन, कल्पना सांखला, प्रियंका घाटिया, खुशी जोधा, अभिषेक शर्मा, भावना चौधरी, ममता अग्रवाल, मयंक जैन, पंकज भटनागर, निधि चौरड़िया, नितिन शर्मा, साक्षी डागा, मनीषा जैन, पवन सैन, साक्षी शर्मा, स्मृति कुमारी, उषा घोटिया, सुमन मेघवाल, विनीता प्रजापत आदि उपस्थित रही।