केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का समारेाह पूर्वक अभिनन्दन

हम स्पेश सेंटर के रूप में पूरी दुनिया से आगे निकले- मेघवाल

लाडनूँ, 22 मई 2023। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा है कि भारत को विश्व का नेतृत्व करना है। हम योग में सफल हुए हैं। अंतरिक्ष केन्द्र के रूप में भी विश्व का नेतृतव करने जा रहे हैं। पूरी दुनिया मे ंसबसे सस्ती व प्रामाणिक टेक्नीक हमारे पास होने से विकसित देशों के सेटेलाईट भी हमारे यहां से प्रक्षेपण किए जाते हैं। हम इस क्षेत्र में भी अमेरिका व रसिया जैसे विकसित देशों से आगे निकल चुके हैं। हम इस क्षेत्र में सबको पीछे छाड़े रहे हैं। आयुर्वेद में भी हम ग्लोबल लीडर बनेंगे। आने वाले समय में हमारे भारतीय पुरातन ज्ञान, पुरातन सभ्यता, पुरातन संस्कृति, वनस्पति ज्ञान आदि सभी ज्ञान का उत्थान होने जा रहा है। गुलामी के काल में हमारा भारतीय ज्ञान गायब कर दिया गया और जला दिया गया था। वे यहां जैन विश्वभारती संस्थान के सेमिनार हॉल में अपने अभिनन्दन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उनके केन्द्र सरकार में कानून मंत्री बनने के बाद पहली बार विश्वविद्यालय में आने पर अभिनन्दन किया गया। वे इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे आचार्य तुलसी की तपोभूमि पर विधि एवं न्याय मंत्री बनने के बाद पहला सम्बोधन दे रहे हैं। इसके बाद वे बीकानेर जाएंगे। उन्होंने जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय को दुनिया का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बताया, जहां मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान की जाती है। मेघवाल ने कहा कि हमारी सरकार की उच्च प्राथमिकता में है कि नैतिक मूल्यों को शिक्षा व सभी क्षेत्रों में प्रमुखता दी जाए। उन्होंने बताया कि भारत का विकास मानकेन्द्रित हो और संवेदनाएं भी उसमें समाहित हों। यहां मानव, प्राणी, पर्यावरण आदि सभी के संरक्षण की बात होनी चाहिए।

कानून मंत्री मेघवाल का अभिनन्दन

कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने अपने सम्बोधन में बताया कि अर्जुनराम मेघवाल सदेव दूसरों के लिए कार्य करते रहे हैं और लोगों को सदैव सद्प्रेरणाएं देते रहे हैं। मूल्यपरक शिक्षा के लिए जैन विश्वभारती संस्थान समर्पित है। संस्थान नए मानव के निर्माण के लिए कार्य कर रहा है। हमें इस बात का हर्ष है कि कुलाधिपति के रूप में एक सुयोग्य नेतृत्व में संस्थान को कार्य करने का अवसर मिला है। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने उन्हें अभिनन्दन पत्र व स्मृति चिह्न भेंट किए। प्रो. दामोदर शास्त्री ने उन्हें शॉल समर्पित किया। अभिनन्दन पत्र का वाचन प्रो. नलिन के. शास्त्री ने किया। प्रारम्भ में प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. युवराज सिंह खंगारोत ने किया।

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