‘प्रजातांत्रिक गणतंत्र, भारतवर्ष का नामकरण एवं राजनैतिक आदर्श’ पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

प्रजा की सेवा की भावना का संदेश दिया था चक्रवर्ती सम्राट भरत ने- डाॅ. समणी संगीतप्रज्ञा

लाडनूँ, 27 जनवरी 2023। प्रेम शांति साहित्य संस्कृति संस्थान लखनऊ के आदिनाथ मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वावधान में ‘प्रजातांत्रिक गणतंत्र, भारतवर्ष का नामकरण एवं राजनैतिक आदर्श’ विषय पर एक राष्ट्रीय स्तर का वेबिनार जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय के प्राकृत एवं संस्कृत विभाग की व्याख्याता डाॅ. समणी संगीतप्रज्ञा के सान्निध्य में आयोजित किया गया। वेबिनार में उन्होंने अपने सम्बोधन में देश चक्रवर्ती सम्राट भरत के जीवन और आदर्शों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भरत ने स्वयं अपनी प्रजा का योगक्षेम किया और सभी तत्कालीन राजाओं को संदेश दिया कि न्यायप्रिय प्रजापालक राजा का कर्तव्य है कि गाय के प्रति ग्वाले की भावना के अनुरूप राजा का भाव भी अपनी प्रजा के प्रति सेवा का ही होना चाहिए। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रो. भागचन्द्र भास्कर की अध्यक्षता में आयोजित इस वेबिनार में प्रयागराज के प्रो. डाॅ. रमेश सिंह, वरिष्ठ इतिहासकार डाॅ. पवन गौड़ व लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी प्रशांत जैन वक्ता के रूप में सम्बोधित किया और भारतवर्ष के संस्थापक चक्रवर्ती भरत के जीवन, आदर्श और तत्कालीन शासन व्यवस्था के बारे में शोधपरक रोशनी डाली। वेबिनार की संयोजक डाॅ. प्रभाकिरण जैन दिल्ली एवं शैलेन्द्र जैन लखनऊ थे।

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