नैतिकता की सीख देने वाले नाटकों और राजस्थानी रंगों से सजी रंगोलियों की प्रस्तुति
संस्थान में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
लाडनूँ, 7 फरवरी 2024। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ बुधवार को यहां आचार्य महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में समारोहपूर्वक किया गया। इस अवसर पर नाटक-मंचन और रंगोली प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। उद्घाटन के अवसर पर ड्रामा प्रस्तुत करने वाले समूहों में पायल एंड ग्रुप, भूमिका एंड ग्रुप, कांता सोनी एंड ग्रुप, राजुल एंड ग्रुप, पूनम एंड ग्रुप एवं मधु एंड ग्रुप ने ‘संस्कार एवं शिक्षा’, ‘नारी शिक्षा’, ‘नैतिक मूल्य’, ‘फोन का सदुपयोग’ तथा ‘जैन विश्व भारती संस्थान नैतिक मूल्यों पर आधारित’ विषयों पर प्रस्तुतियां दी गई। रंगोली प्रतियोगिता में प्रियंका प्रजापत, आकांक्षा शर्मा, स्नेहा बोहरा, एकता भारयाण, कांता सोनी, अनीता, निरमा, संजू, प्राची सैन, मिताली सोनी, भावना स्वामी, गुंजन, मोनिका, कुसुमलता, निकिता, निशा, पूूनम सोनी, जीनत, आयशा, टीना, माया, दिव्या भार्गव, ट्विंकल एवं दीपांशी के समूहों ने विभिन्न रंग-बिरंगी, आकर्षक रंगोलियां प्रदर्शनी के लिए सजाई।
सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा-सहगामी गतिविधियां आवश्यक
सांस्कृतिक प्रतियोगिता के शुभारम्भ समारोह के अतिथि प्रो. जिनेन्द्र जैन ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि अनेकता में एकता की हमारी संस्कृति में अपनी कला का प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण रहा है। विभिन्न विशेषताओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से विद्यार्थी भी अपने व्यक्तित्व का विकास कर पाते हैं। ज्ञानार्जन के साथ प्रतिभाओं के निखार के लिए सांस्कृति आयोजन महत्व रखते हैं। यहां सीखी हुई बातें और स्वयं में छिपा हुनर उभारने से व्यक्ति के जीवन की दिशा तय होती है और उसके जीवन भर वह कला काम आती है। रजिस्ट्रार प्रो. बीएल जैन ने कहा कि केवल शिक्षा से बच्चों का विकास नहीं होता, बल्कि इसके लिए शिक्षा सहगामी गतिविधियों के होने से पूर्ण विकास हो पाता है। भारतीय सांस्कृतिक विशेषताओं के कारण विदेशी भी आकर्षित होते हैं और वे यहां आकर हमसे बहुत कुछ सीखते हैं। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा तिवाड़ी ने भी भारत की रंग-बिरंगी संस्कृति को अनुकरणीय बताया और विद्यार्थियों को इन रगों से सराबोर होने की आवश्यकता बताई। सांस्कृति सचिव डा. अमिता जैन ने अतिथि परिचय, स्वागत वकतव्य के साथ प्रतियोगिताओं के कार्यक्रम का विवरण प्रस्तुत किया। अतिथियों के सरस्वती पूजन और तमन्ना तंवर द्वारा गणेश वंदना की नृत्य प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया। अंत में डा. लिपि जैन ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर डा. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, डा. रविन्द्र सिंह राठौड़, डा. आभा सिंह, डा. सरोज राय, डा. विनोद कस्वां, डा. विष्णु कुमार, डा. गिरधारीलाल, जगदीश यायावर, देशना चारण, श्वेता खटेड़ एवं समस्त छात्राएं आदि उपस्थित रहे।
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