‘‘जैन विद्वत् संगोष्ठी’’ का आयोजन
वैश्विक समस्याओं का समाधान: जैन जीवनशैली
कोलकाता, 14-15 सितम्बर, 2017। जैन विश्वभारती एवं जैन विश्वभारती संस्थान के संयुक्त तत्त्वाधान में संस्थान के वर्तमान अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में चातुर्मास प्रवास स्थल राजरहाट कोलकाता में ‘‘जैन विद्वत् संगोष्ठी’’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुनिश्री कुमारश्रमणजी एवं संस्थान के कुलपति प्रो. बी.आर. दूगड़ के निर्देशन में आचार्यश्री के सान्निध्य में हुआ। उद्घाटन वक्तव्य में संस्थान के कुलपति बी.आर. दूगड़ ने विषय प्रवर्तन करते हुए संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में व्याप्त समसामयिक समस्याओं का स्वरूप एवं प्रभावों को बताते हुए जैनदर्शन के कौन-कौन से सिद्धान्त इन समस्याओं के समाधान में सहकारी हो सकते हैं, उन सिद्धान्तों पर अपने विचार रखे तथा समागत विद्वानों से आह्वान भी किया कि वे सभी विद्वान् जैनदर्शन के आलोक में ऐसा समाधान प्रस्तुत करें जो क्रियान्वित हो सके, जिसे जीवन में उतारा जा सके।
आचार्यश्री ने अपने वक्तव्य में सभी वक्ताओं के वक्तव्य का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यदि आज का युवा सदाचारपूर्वक जीवन जीता है, हित-मित परिमित जीवनशैली को अपनाता है तो संसार में समस्याएँ स्वतः समाप्त हो जाएंगी। आचार्यश्री ने साधना पर बल दिया।
उद्घाटन सत्र में प्रो. के.सी. अग्निहोत्री ने जैन परम्परा के इतिहास एवं जीवनशैली के आधार पर वैश्विक समस्याओं के समाधान की बात की। प्रो. शुभचन्द्र जैन ने कहा कि जैन आगम विद्या के प्रचार-प्रसार के साथ जीवनशैली में परिवर्तन लाकर समस्त समस्याओं को दूर किया जा सकता है। प्रो. महावीरराज गेलड़ा ने वर्तमान वैश्विक समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए जैनाचार से विशेषतः अहिंसा एवं अपरिग्रह से समस्त समस्याओं का समाधान बताया।
जैनविद्या मनीषी प्रो. दयानन्द भार्गव ने जैन सांस्कृतिक विरासत पर अपने विचार रखे तथा जैन संस्कृति को अमूल्य अक्षुण्ण बताते हुए उसे जीवन्त संस्कृति के रूप में प्रस्तुत किया तथा विश्व की सभी समस्याओं हेतु जैन जीवनशैली, अणुव्रत महाव्रत की पालना पर जोर दिया।
प्रथम सत्र का समापन आचार्यश्री के आशीर्वचन से हुआ। आचार्यश्री ने सभी वक्ताओं के उद्बोधन का सार अपनी वाणी में समाहित करते हुए कहा कि यदि प्रत्येक प्राणी अपने कर्तव्यों का निर्वाह पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से करें तथा साधन एवं साध्य दोनों की शुद्धि का ध्यान रखे तो विश्व में कोई समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी।
संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में कुलपति महोदय की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया तथा जैनविद्या के पठन-पाठन, विद्यार्थियों की संख्या तथा जैनविद्या के इस क्षेत्र में रोजगार के सन्दर्भ में समागत सभी विद्वानों से विचार-विमर्श किया गया।
दोपहर के सत्र में समागत सभी विद्वानों को पुनः अनुशास्ता का सान्निध्य प्राप्त हुआ तथा प्रो. भागचन्द्र जैन भास्कर, समणी सुलभप्रज्ञा, समणी अमलप्रज्ञा आदि के पत्रों का वाचन हुआ तथा सभी ने क्षमा, दया, संयम की भावना से परस्पर के वैमनस्य को दूर करने की बात कही।
संगोष्ठी के तृतीय सत्र में प्रातः आचार्यश्री के सान्निध्य में प्रो. धर्मचन्द्र जैन जोधपुर ने अपने पत्र के माध्यम से प्राणी मात्र के प्रति दया एवं अहिंसा के भाव को जागृत करने की बात कही तथा समानता, सह-अस्तित्व पर जोर दिया। प्रो. जितेन्द्रभाई शाह ने अनेकानेक उद्धरणों के द्वारा समसामयिक समस्याओं का मूल स्वरूप सामने रखा तथा जैन जीवनशैली तथा आगम के आलोक में समाधान प्रस्तुत किया। प्रो. वीरसागर जैन ने जैन शिक्षा के प्रचार-प्रसार पर बल दिया। डाॅ. अनेकान्त जैन ने जैन विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की बात कही, क्योंकि आज जैनविद्या के अध्येताओं के सामने रोजगार की समस्या भी बड़ी समस्या है।
अंत में समागत सभी विद्वानों को संस्थान का मोमेण्टो भेंट कर सम्मानित किया गया और आचार्यश्री के मंगलपाठ से संगोष्ठी सम्पन्न हुई।
इस संगोष्ठी में संस्थान के कुलपति प्रो. बी.आर. दूगड़, संस्थान के प्रथम पूर्व कुलपति प्रो. महावीरराज गेलड़ा, जयपुर, प्रो. के.सी. अग्निहोत्री, कुलपति केन्द्रीय वि.वि. धर्मशाला उपस्थित रहे। जैनविद्या मनीषी प्रो. दयानन्द भार्गव जयपुर, प्रो. रमाकान्त शुक्ल दिल्ली, प्रो. भागचन्द जैन भास्कर नागपुर, प्रो. जितेन्द्र बी. शाह अहमदाबाद, प्रो. धर्मचन्द जैन जोधपुर, प्रो. शुभचन्द्र जैन मैसूर, प्रो. वीरसागर जैन एवं डाॅ. अनेकान्त जैन दिल्ली तथा प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा, समणी अमलप्रज्ञा, समणी सुलभप्रज्ञा, डाॅ. योगेश कुमार जैन, डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
Latest from
- दुःसाहसी पर्वतारोही-बाइकर नीतू चौपड़ा ने छात्राओं को सिखाए आत्मरक्षा के गुर
- प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जनजातीय गौरव दिवस तथा जनजातीय गौरव वर्ष पर कार्यक्रम आयोजित
- जैविभा विश्वविद्यालय के कुलपति रहे प्रो. लोढा को मिला लाईफटाईम अचीवमेट अवार्ड
- अब शिक्षा क्षेत्र में डिजीटलाइज भविष्य के लिए हो सकेंगे विद्यार्थी तैयार
- अहिंसा एवं शांति विभाग में मनाया गया संविधान दिवस
- एनएसएस के शिविर में राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सद्भाव पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान एवं राज्य सरकार के आयुष विभाग के साथ हुआ एमओयू
- जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा विश्व दार्शनिक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- जैविभा विश्वविद्यालय में भव्य कवि सम्मेलन आयोजित
- राष्ट्रीय स्तरीय सात दिवसीय जैन स्काॅलर कार्यशाला आयोजित
- 15वां दीक्षांत समारोह अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में गुजरात के सूरत में आयोजित
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने सजाई आकर्षक रंगोलियां
- तीन दिवसीय ‘यह दिवाली, माय भारत वाली’ कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय एकता व दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया
- पुरखों व संस्कारों के प्रति आस्था होने पर ही व्यक्ति की सम्पूर्णता- ओंकार सिंह लखावत
- दीपावली पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित
- मेहंदी प्रतियोगिताओं में 28 छात्राओं ने हाथों पर सजाई नई-नई डिजाइनें
- एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय में सफाई अभियान चलाया
- जैन विश्व भारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग की सहायक आचार्य डॉ.लिपि जैन को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
- संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में प्रथम एकदिवसीय शिविर का आयोजन
- अनुपयोगी सामग्री के उपयोग से सजावटी व उपयोगी वस्तुओं का निर्माण
- आईपीएसएस द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में महिला सशक्तिकरण मुद्दा छाया रहा
- केन्द्रीय उच्च शिक्षा मंत्री ने जैविभा संस्थान की प्राच्य विद्याओं व मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की
- छात्राध्यापिकओं ने गरबा महोत्सव आयोजित
- विश्व दृष्टि दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- अहिंसा एवं शांति विभाग के विद्यार्थियों ने किया शैक्षणिक भ्रमण
- शिक्षा विभाग में नवागन्तुक छात्राध्यापिकाओं के स्वागत के लिए ‘सृजन 2024’ का आयोजन
- आगमों एवं प्राचीन अभिलेखों में मौजूद हैं भारतीय संस्कृति के समस्त मूल तत्व- डाॅ. समणी संगीतप्रज्ञा
- ‘उत्तम स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक अनुकूलता’ विषय पर व्याख्यान
- विश्व शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- रक्तदाता स्वयंसेविकाओं व छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने लगाए पंछियों के लिए परिंडे, चुग्गा-पात्र व घोंसले
- लाडनूँ से 52 छात्राध्यापिकाओं के दल ने गुजरात व माउंट आबू का किया पांच दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण
- प्राकृत भाषा और साहित्य के विकास में जैनाचार्यों और मनीषियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा- डाॅ. रविन्द्र कुमार खाण्डवाला
- राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर किया गया आयोजन
- महात्मा गांधी जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन
- नैतिकता की उड़ान के लिए प्रेक्षाध्यान-जीवन विज्ञान की आवश्यकता- प्रो. त्रिपाठी
- योग एवं जीवन विज्ञान विभाग में नव आगंतुक विद्यार्थियों का स्वागत समारोह आयोजित
- स्वच्छता पखवाड़े के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने किया श्रमदान
- जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने लाडनूं में मुनिश्री जयकुमार के दर्शन किए और आध्यात्मिक चर्चा की
- ‘क्रोध नियंत्रण एवं संयमित आचरण’ के लिए विद्यार्थियों को किया प्रेरित'
- खानपुर में भियाणी में निकाली गई स्वच्छता जागरूकता रैली
- लाडनूँ की छात्राओं ने लिया भारतीय युवा संसद में हिस्सा,
- ‘स्वच्छता ही सेवा’ के तहत छात्राध्यापिकाओं द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम
- कस्तूरबा गांधी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में श्रमदान व पौधारोपण किया
- जैविभा विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस मनाया
- छात्राध्यापिकाओं ने ‘पर्यावरण क्लब’ द्वारा बताया स्वच्छता का महत्व
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जागरूकता रैली निकाली और कचरा व नाकारा सामान से बनाए आकर्षक उपयोगी आइटम्स
- मेधावी छात्रा मीनाक्षी भंसाली को परीक्षा परिणाम के आधार पर राजस्थान सरकार से मिला टैबलेट