जैन विश्वभारती संस्थान में पाँच दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ सर्वांगीण विकास का माध्यम - प्रो. त्रिपाठी
लाडनूँ, 13 नवम्बर, 2017। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव है। ये प्रतियोगिताएं हमारे तनाव को दूर करने में सहायक हैं। ये विचार जैन विश्वभारती संस्थान में 13-17 नवम्बर तक आयोजित होने वाली पाँच दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने अभिव्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों को इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। ये विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में शामिल है। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किताबी ज्ञान के साथ-साथ हमारे मानसिक विकास में ये सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ अत्यन्त जरूरी हैं। मंचस्थ सभी विभागाध्यक्षों में डाॅ. बी. प्रधान, डाॅ जुगलकिशोर दाधीच, डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत एवं डाॅ. गोविन्द सारस्वत ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के उद्घाटन सत्र का शुभारम्भ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं एम.एड. की छात्रा रागिनी शर्मा के नृत्य से हुआ। सभी अतिथियों का स्वागत एवं प्रतियोगिताओं के परिचय एवं उद्देश्य पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की समन्वयक डाॅ. अमिता जैन ने प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इन पांच दिनों तक एकल नृत्य, सामुहिक नृत्य, एकल गायन, मेहन्दी, पोस्टर पेण्टिंग, माइम एवं नाटक प्रतियोगिताओं का आयोजन प्रतिदिन 2 बजे से किया जायेगा। कार्यक्रम के अन्त में डाॅ. आभा सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा संयोजन डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज ने किया।
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के प्रथम दिन एकल नृत्य प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें 27 प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में नुपूर जैन, सुश्री मुकुल सारस्वत एवं श्रीमती सोनिका जैन ने अपनी भूमिका निभाई। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के दूसरे दिन समूह नृत्य एवं रंगोली प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। समूह नृत्य में सात समूहों ने प्रतिभगिता दर्ज की, जिनमें आनन्दपाल एवं समूह, मुस्कान एवं समूह, ज्योति भोजक एवं समूह, सुष्मिता एवं समूह, डिम्पल सोनी एवं समूह, पूजा चैधरी एवं समूह तथा सीमा शेखावत एवं समूह थे। सभी समूहों ने पूर्ण उत्साह से इस प्रतियोगिता में भाग लेते हुए मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
रंगोली प्रतियोगिता में 42 समूहों ने प्रतिभागिता दर्ज की। सभी समूहों ने भारतीय संस्कृति तथा वर्तमन समय की ज्वलन्त समस्याओं को रेखांकित किया। इन प्रतियोगिताओं के निर्णायकों के रूप में डाॅ पुष्पा मिश्रा, सुश्री तृप्ति त्रिपाठी, सुश्री रतना चैधरी एवं डाॅ सुनिता इन्दोरिया ने अपनी भूमिका निभाई। सांस्कृतिक समिति की समन्वयक डाॅ अमिता जैन ने बताया कि कल माइम एवं पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएँगी। प्रतियोगिताओं का संयोजन डाॅ सत्यनारायण भारद्वाज एवं डाॅ आभा सिंह ने किया। चतुर्थ दिवस नाटक एवं माईम प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नाटक प्रतियोगिता में पांच समूहों ने प्रतिभागिता दी। जिनमें ऊषा सैनी एवं समूह, ताम्बी एवं समूह, मुमुक्षु चेतना एवं समुह, मुमुक्षी धरती एवं समूह, सुविधा जैन एवं समूह रहे। माईम प्रतियोगिता में रंजित एवं समूह, खुशबू एवं समूह, सरिता फिरोदा एवं समूह आदि रहे।
प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में डाॅ रविन्द्र सिंह राठौड़ एवं डाॅ विवेक माहेश्वरी रहे। नाटक एवं माईम दोनों ही प्रतियोगिताएं संदेशपरक थीं। कहीं राष्ट्रीय सद्भाव, कहीं राष्ट्रीय चेतना, तो कहीं बेटी बचाओ आदि समाज की अनेक ज्वलन्त समस्याओं पर आधारित थी। कार्यक्रम का संयोजन डाॅ आभा सिंह ने एवं धन्यवाद डाॅ अमिता जैन ने दिया।
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के अंतिम दिवस एकल गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 28 प्रतिभागियों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिसके अंतर्गत गजल, लोकगीत एवं भजन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। निर्णायक डाॅ पुष्पा मिश्रा एवं डाॅ सरोज राय रहे। वहीं पांच दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का समापन समारोह आयोजित किया गया, जिसमें पांच दिनों के अंतर्गत आयोजित की गई प्रतियोगिताओं का ब्यौरा दिया गया एवं विजेता प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया गया।
लोकनृत्य (एकल) में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः सिद्धि पारीक, ज्योति भोजक, आनन्दपाल सिंह एवं कीमती शर्मा; लोकनृत्य (सामूहिक) में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः सुषमिता नाहर एवं ग्रुप, ज्योति भोजक एवं ग्रुप एवं सीमा शेखावत एवं ग्रुप; रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः साजिदा एवं ग्रुप, गरिमा काला एवं ग्रुप, निकिता शर्मा एवं ग्रुप, हेमलता शर्मा एवं ग्रुप; सामूहिक गायन में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः सुरक्षा जैन एवं ग्रुप, मुस्कान एवं ग्रुप, पूर्णिमा चैधरी एवं ग्रुप, रश्मि एवं ग्रुप; पोस्टर पेंटिंग में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः प्रगति भूतोड़िया, पारूल दाधीच, योगिता शर्मा; मेहंदी प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः नाजमीन बानो, सरोज एवं मानसी खटेड़, आयुषी सैनी; माईम प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः रंजित एवं समूह, खुशबू शर्मा एवं समूह, सरिता फिरोदा एवं समूह; नाटक प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः मुमुक्षु धरती एवं समूह, सरिता फिरोदा एवं समूह, ऊषा सैनी एवं समूह, एकल गायन में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय क्रमशः स्वामी अरूण, विकेश चैबे, मुमुक्षु करिश्मा रहे। कार्यक्रम का संयोजन डाॅ आभा सिंह ने किया एवं धन्यवाद एवं परिणाम डाॅ अमिता जैन ने उद्घोष किया।
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