नैसर्गिक विकास हेतु मानव अधिकार आवश्यक - डाॅ. दाधीच

लाडनूँ, 9 दिसम्बर, 2017। अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में डाॅ. विकास शर्मा ने मानव अधिकार दिवस की महत्ता पर प्रकाश डाला तथा मानवाधिकार की अवधारणा का सामान्य परिचय दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने सम्बोधन दिया कि व्यक्ति के नैसर्गिक विकास हेतु मानवाधिकारों की अहम भूमिका रहती है अतः मानव अधिकार सार्वभौम है तथा प्र्रत्येक देश के नागरिकों के मानव अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि विश्व के अनेक देशों में मानव अधिकारों का हनन हो रहा है जो चिंता का विषय है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस हेतु और अधिक रचनात्मक प्रयास किए जाने किए जाने चाहिए। कार्यक्रम में डाॅ. बलबीर सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मानव अधिकार सार्वभौम होते हैं तथा इनका उद्देश्य जाति, धर्म, लिंग आदि से ऊपर उठकर मानव कल्याण होता है। इस कार्यक्रम में डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, डाॅ. जितेन्द्र वर्मा, डाॅ. युवराज सिंह, डाॅ. गोविन्द सारस्वत, डाॅ. अंकित शर्मा तथा शोधार्थी एवं विधार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. विकास शर्मा ने किया।

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