जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का 11वां दीक्षांत समारोह आयोजित
जीवन पथ को आलोकित करने वाला ज्ञान महत्वपूर्ण तत्व है- आचार्य महाश्रमण
चैन्नई, 24 अक्टूबर 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का 11वां दीक्षांत समारोह चैन्नई के माधवरम में आयोजित किया गया। समारोह वहां चातुर्मास प्रवास काल में विराजित तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में किया गया। आचार्य महाश्रमण संस्थान के तृतीय अनुशास्ता भी हैं। समारोह में संस्थान से उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से अनुशास्ता महाश्रमण ने अपने सम्बोधन में कहा कि ज्ञान मनुष्य के जीवन के लिये आवश्यक तत्वों में से एक है। यह हमारे जीवनपथ को आलोकित करने वाला पवित्रतम और सर्वोपरि तत्व है। व्यक्ति को अपने आप में ज्ञान का विकास करना चाहिये तथा इसके साथ ही उसका प्रसार भी यथासंभव करना ही चाहिये। मनुष्य का कर्तव्य है कि वह अज्ञानरूपी अंधकार को दूर करे, इसके लिये ज्ञान दिये का काम करता है। इसी प्रकार प्राचीन साहित्य ज्ञान को असी या तलवार भी कहा गया है यानि जो अज्ञान को काट सके वह तलवार होता है ज्ञान। उन्होंने जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय को ज्ञान के साथ आचार व संस्कारों की शिक्षा भी देता है, क्योंकि ज्ञान की निष्पत्ति आचार के साथ ही होती है।
आर्थिक शुचिता से ही बढेगा देश आगे
उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन में विनय और नैतिकता अपनाने की आवश्यकता बताई तथा कहा कि विनय विद्या का आभूषण होता है। जीवन में विद्या प्राप्ति के साथ ज्ञान वृद्धि के लिये निरन्तर उड़ान भरते रहना चाहिये। हमेशा अपने व्यवहार में नैतिकता रहनी आवश्यक है। नैतिकता का सबसे बड़ा अंग है आर्थिक शुचिता। जो पैसा न्याय नीति और नैतिकता से अर्जित किया जाता है, वह शुद्ध होता है और समाज का भला करने वाला होता है। राजनीति हो या शिक्षा का सभी क्षेत्रों में आर्थिक शुचिता को महत्व दिया जाना आवश्यक है, तभी हमारा देश आगे बढ पायेगा। इस संतों की भूमि में धर्म, नैतिकता व अध्यात्म का प्रभाव बढना ही चाहिये।
उपाधि केवल पड़ाव है मंजिल नहीं
इस अवसर पर साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने शिक्षा को एक पथ बताया तथा कहा कि यह केवल गंतव्य ही नहीं है। विद्यार्थी उपाधि प्राप्त करके एक पड़ाव तक पहुंचे हैं, लेकिन उनकी मंजिल यह नहीं है। शिक्षा के माध्यम से प्रसिद्धि, ऐश्वर्य, पद और सता तक प्राप्त की जा सकती है, लेकिन इनसे आगे के क्षेत्रों की तलाश को खत्म नहीं किया जाना चाहिये। जीवन को ऊपर उठाने की राह को खोलने के लिये कुछ मौलिक किया जाना चाहिये। शिक्षा से जीवन के रूपांतरण की ज्योति निकलनी चाहिये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल थे और अध्यक्षता संस्थान की कुलाधिपति सावित्री जिन्दल ने की। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, कुल सचिव विनोद कुमार कक्कड़, जैन विश्वभारती के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोहरा, डाॅ. धर्मचंद लूंकड़, अरविन्द संचेती, दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, उपकुलसचिव डाॅ. प्रद्युम्र सिंह शेखावत, युवराज सिंह खांगारोत, अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच, शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में इस वर्ष के शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियां, एमए, एमएससी उतीर्ण विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, उपाधियां व मैडल प्रदान किये गये।
Latest from
- ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत छात्राओं, प्रोफेसर्स आदि ने पेड़ लगाए
- जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार
- जैन विश्वभारती संस्थान की एलसीसी छात्राओं ने गोल्उ व सिल्वर मैडल जीते
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामुहिक योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
- संस्थान में राजस्थानी भाषा अकादमी के सप्त दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय राजस्थानी समर स्कूल का आयोजन
- कॅरियर की संभावनाओं के अनेक द्वार खोलता जैविभा विश्वविद्यालय का योग एवं जीवन विज्ञान विभाग
- लाडनूँ में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का सफल उपक्रम- आचार्य महाप्रज्ञ नेचुरोपैथी सेंटर जहां किसी मरीज के लिए निराशा की कोई जगह नहीं है
- जैविभा विश्वविद्यालय की विशेष खोज ‘अहिंसा प्रशिक्षण प्रणाली’ को पैटेंट मिला
- विश्वस्तरीय डिजीटलाईज्ड लाईब्ररी है लाडनूं का ‘वर्द्धमान ग्रंथागार’ जहां दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ हर विषय के ग्रंथों व शोधपत्रों का सागर समाया है
- एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने पेड़ों पर लटकाए मिट्टी के परिंडे
- भारतीय ज्ञान परमपरा समस्त विश्व में बेहतरीन है, इसे बचाए रखें- प्रो. जैन
- डाॅ. जैन की ‘विकास: गांधी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दृष्टि में’ पुस्तक के लिए किया गया चयन
- एनसीसी कैडैट्स छात्राओं को मिले सफल प्रशिक्षण सर्टिफिकेट्स
- शोध में गुणवता के साथ जवाबदेही और उपयोगिता के गुण भी आवश्यक- प्रो. दूगड़
- प्रो. दूगड़ की ‘अतींद्रिय ज्ञान’ पुस्तक की समीक्षा प्रस्तुत
- संकल्प के प्रति एकाग्र रहने से लक्ष्य की प्राप्ति संभव- प्रो. त्रिपाठी
- दुर्लभ पांडुलिपियां का अद्भूत संग्रह और संरक्षण का महत्वपूर्ण केन्द्र, जहां है साढे छह हजार हस्तलिखित ग्रंथ सुरक्षित
- व्याख्यानमाला में सर्वमान्य आचार्य कुंदकुंद के साहित्य पर सूक्ष्मता से विवेचन प्रस्तुत
- संस्कार निर्माण के साथ योग शिक्षा रोजगार प्राप्ति का भी साधन- प्रो. त्रिपाठी
- स्वच्छता एवं मतदान जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित
- महिलाओं व पुरूषों की प्रजनन प्रणाली और बांझपन के कारण और निवारण पर विमर्श
- पत्रकार के रूप में महात्मा गांधी ने अहिंसक सम्प्रेषण लोगों के दिलों तक पहुंचाया- प्रो. चितलांगिया
- ‘भारतीय परंपराओं में अहिंसक संप्रेषण की खोज’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान का 34वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित
- ‘जीवन में सफलता के मंत्र’ पर व्याख्यान आयोजित
- संस्थान की एनएसएस छात्रा बेंदा ने राष्ट्रीय एकता शिविर में किया योग का प्रदर्शन
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- राष्ट्रीय सेवा योजना का तृतीय एक दिवसीय शिविर आयोजित
- डाॅ. शेखावत द्वारा इजाद किए गए एआई पर्यावरण मोनिटरिंग उपकरण को अन्तर्राष्ट्रीय पेटेंट मिला
- ‘मेरा प्रथम वोट- मेरा देश’ अभियान के तहत एनएसएस स्वयंसेविकाओं ने ली शपथ
- सुख, आनन्द और प्रसन्नता का विज्ञान है नैतिकता- प्रो. बीएम शर्मा
- सस्थान में आईसीपीआर की ओर से वैश्वीकरण की नैतिकता पर व्याख्यान आयोजित
- एनएसएस की स्वयंसेविका खुशी जोधा का युवा संसद के लिए राज्य स्तर पर चयन
- संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह का अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में वाशी, नवी मुम्बई, महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
- वसंत पंचमी पर गीत-संगीत की सुमधुर प्रस्तुतियों से रिझाया मां शारदे को
- नई शिक्षा नीति जागरूकता क्विज प्रतियोगिता आयोजित, 6 छात्राओं ने किया टॉप
- सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने दिखाया अपनी प्रतिभा का कौशल
- आशु भाषण, पोस्टर पेंटिंग व एकल गायन कविता प्रतियोगिता आयोजित
- नैतिकता की सीख देने वाले नाटकों और राजस्थानी रंगों से सजी रंगोलियों की प्रस्तुति
- आध्यात्मिक मनोविज्ञान विषय पर व्याख्यान आयोजित
- पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
- ग्राम खानपुर व भियाणी में विकसित भारत जागरूकता रैली निकाली
- नई शिक्षा नीति को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- गणतंत्र दिवस समारोह पूर्वक मनाया
- विश्व दार्शनिक दिवस पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजित
- युवाओं में राष्ट्रीय भावना की जागृति आवश्यक- प्रो. रेखा तिवाड़ी
- संस्कार-निर्माण के लिए एकाग्रता, संकल्प शक्ति व आवेश पर नियंत्रण का अभ्यास जरूरी
- सक्षम युवा सशक्त राष्ट्र के निर्माण का आधार - प्रो. जैन
- एक दिवसीय युवा अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
- राष्ट्रीय गणित दिवस पर बताए गणित के जादुई फार्मूले