जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में आंतरिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत ‘समावेशी शिक्षा एवं शिक्षण अधिगम प्रक्रिया’ विषय पर व्याख्सानमाला कार्यक्रम का आयोजन
शिक्षक प्रशिक्षण की भावी चुनौतियों में नवाचार व तकनीक अपनायें- डाॅ. भोजक
लाडनूँ, 5 जनवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में संचालित आंतरिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत डाॅ. गिरीराज भोजक ने ‘समावेशी शिक्षा एवं शिक्षण अधिगम प्रक्रिया’ विषय पर अपना व्याख्यान देते हुय विभिन्न नवाचारों एवं लचीलापन अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा की विविध चुनौतियों एवं उनके अनुरूप शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में नवाचार एवं व्यक्तिगत विभिन्नताओं पर आधारित लोचशीलता अपनाना आवश्यक है। कक्षा में व्याप्त विभिन्न परिस्थितियों यथा प्रतिभाशाली, औसत और न्यून उपलब्धि वाले विद्यार्थियों के सीखने के तरीकों में भिन्नतायें पाई जाती है। भारतीय संविधान भी एक समावेशी समाज की अवधारणा लेकर विभिन्न जाति, धर्म, सम्प्रदाय तथा सामाजिक, आर्थिक विषमता से मुक्त परिवेश की स्थापना पर बल देता है। भविष्य में सामान्य वैयक्तिक विभिन्नता के साथ-साथ दिव्यांग बालकों को भी सामान्य विद्यालय से जोड़ने पर एक शिक्षक तथा शैक्षिक प्रबंधन के समक्ष अनेक चुनौतियां प्रस्तुत होगी, जैसे सीखने का सार्वभौमिक अभिकल्प, शैक्षिक तकनीकी सम्बंधी उपकरण, कक्षा-कक्ष गतिविधियां, सामान्य तथा दिव्यांग बालकों का समन्वय आदि। नेशनल सेंटर आॅन युनिवर्सल डिजाईन फाॅर लर्निंग (2016) के द्वारा मस्तिष्क के सीखने सम्बंधी शोध कार्यों के आधार पर अधिगम के सार्वभैमिक अभिकल्प (यूडीएल) के द्वारा विविध अधिगम शैलियों के समागम हेतु प्रतिनिधित्व के साधन, विद्यार्थी अभिव्यक्ति के अवसरों में वृद्धि के साथ विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है। डाॅ. भोजक ने भावी शिक्षकों के रूप में सभी प्रशिक्षकों को अधिकाधिक समावेशी शिक्षा की चुनौतियों तथा संभावित समाधानों के लिये सघन प्रशिक्षण एवं नवाचारों को अपनाने पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने सभी संकाय सदस्यों को शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में आने वाली भावी चुनौतियों के अनुरूप नवाचार तथा तकनीकी साधनों को अपनाने के लिये प्रेरित किया। इस व्याख्यान कार्यक्रम में डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. बी. प्रधान, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. आभासिंह, डाॅ. विष्णु कुमार, डाॅ. गिरधारी लाल शर्मा, डाॅ. ममता सोनी, प्रमोद ओला, ललित गौड़ आदि उपस्थित थे।
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