जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में ग्राीन कम्प्यूटिंग पर व्याख्यान आयोजित
कम्प्यूटर-मोबाईल के अंधाधुंध प्रयोग से हुए पर्यावरण खतरे से निपटने के उपायों पर ध्यान जरूरी
लाडनूँ, 30 जनवरी 2021।जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में ‘ग्रीन कम्प्यूटिंग एक पर्यावरण सम्मत उपागम’ विषय पर डाॅ. मनीष भटनागर ने कहा कि आधुनिक समाज में प्रत्येक कार्य सूचना और प्रौद्योगिकी पर आधारित है और मानव जीवन के प्रत्येक कार्यक्षेत्र में कम्प्यूटर, मोबाईल जैसी तकनीकों का उपयोग बढता ही जा रहा है। सभी उपकरणों का अपशिष्ट एकत्रित होकर बढता ही जा रहा है और इनके कारण पर्यावरण खतरे भी बढने लगे हैं। इनमें अनुपयोगी विभिन्न पदार्थों के नष्ट करने से पर्यावरणीय खतरा बढता जा रहा है। इन खतरों से बचने और मानव पीढी को संरक्षित रखने की दिशा में विश्वभर में लोगों की चिंताएं बढ रही हैं। इसके लिए इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के उपयोग के काल को दीर्घ बनाने और ऊर्जा के समुचित उपयोग के लिए सोचने की आवश्यकता है। शिक्षा के माध्यम से इस सम्बंध में जागरूकता लाई जा सकती है। पर्यावरण एक सामाजिक दायित्व है और इसके संरक्षण के लिए अनुशासित होकर भावी पीढी को खतरों से बचाने के लिए काम करने की जरूरत है।
पर्यावरण सम्मत उपकरणों के निर्माण व प्रयोग को बढावा जरूरी
डाॅ. भटनागर ने कहा कि ग्रीन कम्प्यूटिंग में पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के साथ विभिन्न उपकरणों का प्रयोग सुनिश्चित करता है। कम्प्यूटर, माॅनिटर, स्टारेज डिवाइस आदि का निस्तारण भी सर्वसम्मत व सुनिश्चित होना आवश्यक है। साथ ही अवांछित उपकरणों को पुनः उपयोग में लाने योग्य बनाने की आवश्यकता है। ऊर्जा संरक्षण वाले कम्प्यूटर, प्रिंटर, सर्वर का निर्माण और सहयोगी स्टोरेज व्यवस्था को विकसित करने, ऑटो ऑफ सिस्टम लाए जाने, कंप्यूटर अपशिष्ट के लिए संग्रहण केन्द्र बनाए जाने आदि कदमों को उठाए जाने की महत्ती आवश्यकता बनी हुई है। ग्रीन कम्प्यूटिंग को एक आंदोलन के रूप में लिया जाकर अपनाना होगा। डाॅ. भटनागर ने कहा कि आज जरूरत है कि एलईडी का उपयोग करके बेहतर परिणामों को प्राप्त किया जाए एवं पर्यावरण-सम्मत उपकरणों का निर्माण किया जाए, यह आवश्यक बन गया है। व्याख्यान के पश्चात प्रश्नोत्तर सत्र किया गया, जिसमें सहभागियों के सवालों का जवाब देते हुए समाधान की दिशा में चर्चा की। अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने आभार ज्ञापित किया। इस दौरान डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. विष्णु कुमार, डाॅ. गिरीराज भोजक, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. आभासिंह, ममता सोनी, प्रमोद ओला, ललित गौड़ आदि उपस्थित रहे।
Latest from
- केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का समारेाह पूर्वक अभिनन्दन
- अहिंसा एवं शांति विभाग में फेयरवेल पार्टी का आयोजन
- पांच दिवसीय संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम
- जैविभा संस्थान को ‘बेस्ट डीम्ड यूनिवर्सिटी’ अवार्ड और संस्थान के कुलपति प्रो. दूगड़ को ‘ग्लोबल लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’
- मूल कर्तव्य की थीम पर छात्राओं ने उकेरे रंग-बिरंगे पोस्टर
- शांति एवं सह अस्तित्व भारतीय संस्कृति का मूल आधार
- मासिक व्याख्यानमाला के अन्तर्गत शांति की आवश्यकता पर व्याख्यान
- भारत में विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने की अपार संभावनाएं- प्रो. त्रिपाठी
- प्रो. बीएल जैन बने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार
- राष्ट्रीय एकता एवं एकजुटता के लिए गायन कार्यक्रम का आयोजन
- प्राकृत भाषा को संविधान की मानक भाषाओं की सूची में शामिल किया जाए- प्रो. सिंघवी
- आचार्य महाश्रमण की पुस्तक ‘संवाद भगवान से’ की समीक्षा प्रस्तुत
- संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कर रक्षा की शपथ ली
- जैन विश्वभारती संस्थान की छात्रा स्मृति कुमारी ने किया संसद में राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- एनसीसी की छात्राओं को दो दिवसीय शिविर में दिए विभिन्न प्रशिक्षण
- लाडनूँ की छात्रा स्मृति कुमारी ने संसद में किया राजस्थान का प्रतिनिधित्व
- आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में बिरसा मुंडा की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
- जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह आयोजित
- हम योग में ग्लोबल लीडर, अब नेचुरोपैथी में भी बनना है- केन्द्रीय मंत्री मेघवाल
- एनसीसी कैडेट्स को रेंक का वितरण किया
- शैक्षिक संस्थानों में विद्यार्थियों को दी जाए ईमानदारी के आचरण की प्रेरणा- प्रो. जैन
- तेरापंथ धर्मसंघ के मुख्य मुनि महावीर कुमार को पर्यावरणीय चिंतन सम्बंधी शोध पर पीएचडी
- लाडनूँ की एनसीसी कैडेट को ईमानदारी व नैतिकता के टास्क में मिला स्वर्ण-पदक
- ‘भ्रष्टाचार से मुकाबले में शिक्षा की भूमिका’ पर राष्टीªय सेमिनार आयोजित
- सतर्कता जागरूकता के अन्तर्गत लोकगीत, लघुनाटिका व निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन
- साइबर जागरुकता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
- सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत प्रतियोगिता का आयोजन
- प्राकृत भाषा और साहित्य पर 16 वीं व्याख्यानमाला का आयोजन
- सरदार पटेल की जयंती पर एकता दौड़ लगाई एवं राष्ट्रीय एकता की शपथ का अयोजन
- संस्थान में “सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2022” का आयोजन
- सरदार वल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व-कृतित्व पर व्याख्यान का आयोजन
- राष्ट्रीय एकता सप्ताह में प्रश्नोतरी व एकता रैली का आयोजन
- राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में लाडनूं की कांता सोनी रही अव्वल
- आयुर्वेदिक केवल चिकित्सा पद्धति ही नहीं बल्कि जीवन-शैली भी है- डॉ. मनीषा चौधरी
- एनएसएस द्वारा स्वच्छ भारत अभियान पर कार्यक्रम आयोजित
- अमेरिका से आए दल ने किया जैविभा विश्वविद्यालय का अवलोकन
- वनस्पति विज्ञान से सम्बंधित विभिन्न मॉडल्स बना कर किया प्रदर्शन
- इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स पर ‘यम्मी मिल्लेट्स’ कुकिंग प्रतियोगिता आयोजित
- छात्र दिवस के रूप में मनाया डॉ. एपीजे कलाम का जन्मदिन
- हर दिन आयुर्वेद, हर घर आयुर्वेद’ थीम पर आयुर्वेद जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
- आचार्य श्री महाश्रमण रचित ‘रश्मियां अर्हत वांङ्मय की’ कृति की समीक्षा
- एनसीसी छात्राओं को बी व सी सर्टिफिकेट्स वितरित किए
- जरा सी लापरवाही फंसा सकती है तकनीकी-ठगों के जाल में- प्रो. त्रिपाठी
- स्वच्छता की सेवा विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में छात्राओं ने बनाए एक से बढ कर एक पोस्टर
- पुनीत सागर अभियान के तहत एनसीसी की छात्राओं ने की सरोवर की सफाई
- एनसीसी की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक द्वारा दिया प्लास्टिक मुक्त भारत का संदेश
- सेवाधर्म का निर्वहन प्रत्येक नागरिक का दायित्व- प्रो. त्रिपाठी
- एनसीसी के लिए 13 छात्राओं का किया गया चयन
- स्वच्छता पखवाड़े के तहत ‘मेरा विश्वविद्यालय-स्वच्छ विश्वविद्यालय’ कार्यक्रम आयोजित
- विश्व शांति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन