जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम में व्याख्यान का आयोजन
पर्यावरण को स्वच्छ व हरा रखने में उपयोगी है ग्रीन कैमेस्ट्री - डाॅ. ममता सोनी
लाडनूँ, 15 अप्रेल 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत डाॅ. ममता सोनी ने ग्रीन कैमेस्ट्री के सिद्धांतों की उपयोगिता पर अपना व्याख्यान प्रसतुत किया। डाॅ. सोनी ने बताया कि ग्रीन कैमेस्ट्री पर्यावरण के प्रदूषण को कम करने में उपयोगी है। इसके द्वारा विभिन्न संश्लेषण से बनने वाले विषैले व विस्फोटक सह उत्पदों का बनना कम किया जाकर पर्यावरण को स्वच्छ व हरा रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि ग्रीन कैमेस्ट्री 12 सिद्धांतों पर आधारित है। इन सभी 12 सिद्धांतों के अनुप्रयोगों के आधार पर इस शाखा में वृहत स्तर पर अनुसंधान किया जा सकता है। हानिकारक पदार्थों को दूर करने में ग्रीन कैमेस्ट्री की अपनी उपयोगिता है। यह पर्यावरण को सुरक्षित रखने का रसायन है। ग्रीन कैमेस्ट्री सतत विकास व नवाचार अनुसंधान के लिए एक पथ है। ग्रीन नैनोटेक्नोलाॅजी भी एक नवाचार शाखा है, जिससे पर्यावरण विज्ञान को नैनोटेक्नोलाॅजी से जोड़ कर सूक्ष्म स्तर के व पर्यावरण सहायक उत्पाद बनाए जा सकते हैं। व्याख्यान के अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. बी. प्रधान, डाॅ. विष्णु शर्मा, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. आभासिंह, डाॅ. गिरीराज भोजक, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा, प्रमोद ओला आदि उपस्थित रहे।
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