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जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम में ‘तनाव प्रबंधन में योग शिक्षा की भूमिका’ विषय पर व्याख्यान आयोजित

योग से व्यक्ति के तनाव व मनोदैहिक रोगों का उपचार संभव- डाॅ. राय

लाडनूँ, 28 नवम्बर 2020।जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत शनिवार को डाॅ. सरोज राय ने ‘तनाव प्रबंधन में योग शिक्षा की भूमिका’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। डाॅ. राय ने बताया कि वर्तमान युग में लोगों के लिये तनाव सामान्य अनुभव बन चुका है, ऐसे में तनाव सम्बंधी रोगों को रोकने के लिये योग शिक्षा पूरी तरह से सफल सिद्ध हो रही है। योग एक जीवन पद्धति है, जिसका तनाव और स्वास्थ्य के प्रति सदैव समग्र दृष्टिकोण रहा है। इसमें मन, शरीर व आत्मा तीनों का उपचार सम्मिलित है। उन्होंने कहा कि जीवन की बदलती दिनचर्या और जीवन की भूमिकाओं के बीच मनुष्य अनेक मनोदैहिक विचारों के बीच सिमटता चला जा रहा है। इसके लिये उसके अस्तित्व से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसलिये तनाव प्रबंधन में पारम्परिक योग शारीरिक गतिशीलता को सक्रिय बनाए रखने के लिये नियंत्रण, संतुलन स्थापित करने के लिये उपचार की आवश्यकता है। संकाय संवर्द्धन कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किये एवं आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. विष्णु कुमार, डाॅ. आभा सिंह, डाॅ. गिरीराज भोजक, डाॅ. अमिता जैन आदि संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

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