रैगिंग और नशावृति शिक्षा के लिए अवरोधक होते हैं, रेका जाना जरूरी- डॉ. कौशिक

सात दिवसीय एंटी रैगिग कार्यशाला में छात्राओं को बताए रैगिंग के नुकसान

लाडनूँ, 13 अगस्त 2024। जैन विश्वभारती संस्थान रैगिंग के विरूद्ध चल रही सात दिवसीय कार्यशाला के तहत मंगलवार को दूसरे दिन आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में एंटी रैगिग कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एंटी रैगिग स्क्वाड के समन्वयक व कुलसचिव डॉ. ए.पी. कौशिक ने छात्राओं को एंटी रैगिग की जानकारी छात्राओं को दी। उन्होंने बताया कि हमें रैगिग रोकने के साथ नशा मुक्ति को भी रोकना है। ये दोनों पहलु शिक्षा में अवरोधक होते हैं, अतः सावधान रह कर इन्हें आगे बढने से रोकना चाहिए। एंटी रैगिग सेल के समन्वयक एवं शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल जैन ने कहा कि संस्थान में रैगिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यहां समय-समय पर एंटी रैगिग स्क्वाड द्वारा औचक निरीक्षण भी किया जाता है। संस्थान में रैगिग से सम्बन्धित अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। यहां रैगिग से सम्बन्धित कोई घटना आज तक घटित नहीं हुई है। इस दृष्टि से यह अनूठा संस्थान है। यहां के सभी विद्यार्थी मित्रता, प्रेम और सौहार्द्रपूर्वक रहते है। जाति, लिंग, धर्म, भाषा, प्रांत तथा छोटे-बड़े के आधार पर यहां कोई भेदभाव नहीं किया जाता। समय-समय पर छात्राओं के साथ मीटिंग करके उनको इस बारे में अवगत कराया जाता है और उन्हें एंटी-रैगिंग के हेल्पलाइन और संस्थान के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के टेलीफोन नंबर से अवगत कराया जाता है। उन्होंने सभी छात्राओं को इस सम्बंध में एंटी रैगिंग वेबसाइट का एड्रेस बताते हुए वहां पर ऑनलाइन अंडरटेकिंग फॉर्म अनिवार्य रूप से भरने के लिए कहा। एंटी रैगिग सेल की सदस्या अभिलाषा स्वामी ने सभी छात्राओं को एंटी रैगिग फॉर्म भरने की प्रक्रिया को बताया। अंत में डॉ. आभा सिंह ने सेक्सुअल हर्समेंट एवं ग्रीवेंस सेल की भी जानकारी दी और आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम में प्रो. रेखा तिवाडी, डॉ. प्रगति भटनागर, अभिषेक चारण, डॉ. मधुकर दाधीच, डॉ. आभा सिह, प्रेयस, देशना चारण आदि एवं सभी छात्राएं उपस्थित रहीं।

नियमों की जानकारी दी

इससे पूर्व यहां शिक्षा विभाग में एंटी रैगिंग कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर परएंटी रैगिग सेल के समन्वयक एवं शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल जैन ने एंटी रैगिग के खतरों की जानकारी छात्राओं को दी और बताया कि रैगिंग का दोषी पाया जाने पर उसे इस अपराध के लिए दंडित किया जा सकता है। उन्हेंने बताया कि प्रिंट, वेबसाइट, बैनर और प्रॉस्पेक्टस के बारह से चौदह में रैगिंग रोकने के लिए नियम लिखे हुए है। एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन और संस्थान के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के टेलीफोन नंबर बैनर में मुद्रित हैं। सभी छात्र एंटी रैगिंग डाट इन वेबसाइट पर ऑनलाइन अंडरटेकिंग फॉर्म अनिवार्य रूप से भरें। उन्होंने छात्राओं को एंटी रैगिग नियमों के प्रावधानों और निर्धारित दंडों से अवगत कराया।

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