पांच दिवसीय एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाॅफ डवलपमेेट प्रोग्राम का आयोजन

नागरिकों को सशक्त बनाने का विशिष्ट कानून है सूचना का अधिकार- डाॅ. परिहार

लाडनूं 30 जुलाई 2021 । जैन विश्वभारती संस्थान में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड के मार्गदर्शन में चल रहे पांच दिवसीय ऑनलाईन एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाॅफ डवलपमेेट प्रोग्राम के तहत केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान किशनगढ के संयुक्त निदेशक कुलसचिव डाॅ. हरीसिंह परिहार ने सूचना का अधिकार विषय पर अपने व्याख्यान में सूचना के अधिकार कानून की जानकारी देते हुए बताया कि इस आंदोलन की शुरुआत 1990 में मजदूर किसान शक्ति संगठन के नेतृत्व में हुई। राजस्थान में काम कर रहे इस संगठन ने सरकार के सामने मांग रखी कि अकाल राहत कार्य और मजदूरों को दी जाने वाली पगार के रिकाॅर्ड का सार्वजनिक खुलासा किया जाए। यह मांग सबसे पहले राज्य के बेहद पिछड़े इलाके भीम तहसील में उठाई गई थी, जो सूचना के अधिकार कानून की जनक बनी। भारतीय संसद ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए साल 2005 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून बनाया था। उन्होंने इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना और वास्तविक अर्थों में हमारे लोकतंत्र को लोगों के लिए कामयाब बनाना है। उन्होंने कहा कि यह कानून नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए एक बड़ा कदम है। आवेदन प्रक्रिया, सूचना के प्रकार, शुल्क आदि की जानकारी देते हुए डाॅ. परिहार ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी लोक प्राधिकरण (सरकारी संगठन या सरकारी सहायता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों) से सूचना प्राप्त की जा सकती है। प्रथम अपीलीय प्राधिकरण, लोक सूचना अधिकारी से वरिष्ठ अधिकारी होता है। वह आवेदन स्वीकार करने, आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना के अनुसार लोक सूचना अधिकारी को सूचना आपूर्ति का आदेश देने या सूचना के अधिकार अधिनियम के किसी भाग के अंतर्गत आवेदन को अस्वीकृत करने के लिए उत्तरदायी होता है। प्रारम्भ में मोहन सियोल ने अतिथियों का परिचय देते हुए स्वागत किया। अंत में संस्थान के कुलसचिव रमेशचन्द्र मेहता ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम में संयोजक प्रो. बीएल जैन सहित संस्थान के सभी प्रशासनिक कर्मचारी भाग लिये।

Read 2897 times

Latest from