संस्थान में महावीर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
अगर महावीर को नहीं चुना तो महाविनाश निश्चित है- प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 13 अप्रेल 2022। जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि आज विश्व के समक्ष दो ही विकल्प हैं कि या तो महावीर को चुना जाए अथवा महाविनाश को। महावीर को नहीं चुना जाने पर यह महाविनाश स्वतः ही निश्चित हो जाता है। आज महावीर को चुनना अनिवार्य बन चुका है। वे यहां महाश्रमण ऑडिटोरियम में महावीर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परस्पर-निर्भरता और सहअस्तित्व के लिए जरूरी है कि हम महावीर के सिद्धांतों को अपनाएं। उन्होंने आत्मा की स्वतंत्रता, समानता और सापेक्षता का जो सिद्धांत दिया, उसके अनुरूप सहअस्तित्व आवश्यक हो जाता है। जैन धर्म के तीर्थंकरों ने शांति और अहिंसा की आवश्यकता प्रतिपादित की, जबकि वे सभी क्षत्रिय थे, जो युद्ध लड़ने वाले होते हैं, फिर भी आत्मज्ञान प्राप्ति का मार्ग चुना, क्योंकि युद्ध और उनके परिणाम तथा अतिवाद देखने के बाद ही महावीर क्षत्रिय से तीर्थंकर बने। प्रो. दूगड़ ने जीवन में परिवर्तन के लिए और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पुरूषार्थ का महत्व बताया तथा कहा कि जीवन में संयम का महत्व होता है। संयम भगवान महावीर का महत्वपूर्ण सूत्र है। संयम से ही शांति और पर्यावरण का संरक्षण संभव है। संयमित जीवन शैली बनने पर इन सबकी प्राप्ति हो जाती है। कार्यक्रम के सरस्वत अतिथि प्रो. नलिन के. शास्त्री ने महावीर के राजकुमार के रूप में जन्म लेने और बाद में साधना के द्वारा महावीर के रूप में उनके आविर्भाव का विवरण प्रस्तुत करते हुए तीर्थंकर महावीर की विशेषताओं का वर्णन किया और बताया कि आडम्बर का निषेध, वैमनस्य मिटाने और समानता की स्थापना उन्होेंने की। प्रो. शास्त्री ने कहा कि महावीर के उपदेशों से व्यक्ति अपने जीवन के अंधकार को दूर कर सकता है। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि युद्ध के समय हमें महावीर के सिद्धांत और अहिंसा की याद आती है। आज की स्थिति में परे विश्व के सामने केवल भारत ही शांति का मार्ग प्रशस्त करने में सक्षम है। कार्यक्रम में प्राकृत व संस्कृत विभाग के डॉ. सत्यनारायण भारद्वाज, योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, अहिंसा व शांति विभाग के डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़ तथा छात्राओं में ममता बोहरा, पूजा चौधरी, हर्षिता पारीक व पवित्रने अपने विचार वक्तव्य एवं गीतों के माध्यम से रखे। कार्यक्रम का संचालन अच्युतकांत जैन ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आलोक कुमार जैन ने किया। कार्यक्रम के पश्चात शिक्षा विभाग की छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने अपना खुद का बनाया खाना लाकर सबने सामुहिक रूप से मिलकर सबने समानता भोज किया।
Latest from
- 16 वां दीक्षांत समारोह अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में अहमदाबाद कोबा में आयोजित
 - आचार्य तुलसी की समूची मानवता को देन और उनके समाज परिवर्तन के काम अद्वितीय रहे हैं- कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़
 - राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर का आयोजन
 - अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
 - संस्थान में संस्कृत समारोहोत्सव 2025 पर परिसंवाद आयोजित
 - श्रावणी पर्व रक्षाबंधन पर मेहंदी और लहरिया महोत्सव आयोजित
 - जैन विश्वभारती संस्थान में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को कुरेदा, गुदगुदाया, वीर रस और भक्तिरस से किया ओतप्रोत
 - जैविभा विश्वविद्यालय की छात्रा का हुआ एयरफोर्स में चयन
 - संस्थान के द्वितीय अनुशास्ता आचार्य महाप्रज्ञ के जन्मदिवस पर कार्यक्रम आयोजित
 - जैविभा विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर समारोह का आयोजन
 - एक दिवसीय परामर्शदाता कार्यशाला आयोजित
 - साढे चार सालों का कोर्स पूरा करके विद्यार्थी बन सकेंगे नेचुरोपैथी डाॅक्टर
 - जैविभा विश्वविद्यालय की एनसीसी कैडेट्स ने जोधपुर में गोल्ड मैडल जीता
 - 25 एनसीसी गल्र्स को किया गया ‘बी’ सर्टिफिकेट्स का वितरण
 - करूणा, सहिष्णुता व शांतिपूर्ण जीवन शैली के लिए अहिंसा प्रशिक्षण शिविर आयोजित
 - पदमपुरा गांव में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
 - खानपुर गांव व विद्यालय में ‘हरित ग्राम कार्यक्रम’ का आयोजन कर पर्यावरण चेतना जागृत की
 - कुलपति प्रो. दूगड़ ने की उप राष्ट्रपति से भेंट
 - जैविभा विश्वविद्यालय में प्रसार भाषण माला में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान
 - साक्षरता सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है, साक्षर अवश्य बनें
 - सामाजिक समरसता दिवस एवं सहभोज का आयोजन
 - छात्राध्यापिकाओं की फेयरवेल्स पार्टी ‘शुभ भावना 2025’ का आयोजन
 - राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर किया जागरूकता चलचित्र का प्रदर्शन
 - ‘जैन दर्शन में सम्यक् दर्शन का वैशिष्ट्य’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन
 - हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता में मीनाक्षी बाफना प्रथम व प्रकृति चैधरी द्वितीय रही
 - ‘जैन आचार सिद्धांतों का उद्भव एवं विकास’ पर व्याख्यान आयोजित
 - राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन प्रोग्राम पर किया छात्राध्यापिकाओं को जागरूक
 - तीर्थंकर ऋषभदेव के यागदान को लेकर व्याख्यानका आयोजन
 - स्वयंसेविकाओं को बताए आत्मरक्षा के उपाय
 - इच्छाओं पर नियंत्रण से ही शांति संभव- प्रो. सुषमा सिंघवी,
 - जैविभा विश्वविद्यालय में कवि सम्मेलन में कवियों ने हंसाया, गुदगुदाया, वीर रस से किया ओतप्रेात, खूब लूटी तालियों की गड़गड़ाहट
 - दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने बताई शांति की पृष्ठभूमि और प्रतिस्थापना के उपाय
 - जैन विश्वभारती संस्थान का 35वें स्थापना दिवस समारोह आयोजित।
 - कौशल कार्यशाला में एआई की महता, उपयोग और जागरूकता का दिया प्रशिक्षण
 - फिट इंडिया मिशन के तहत साप्ताहिक कार्यक्रम में यौगिक क्रियाओं एवं प्रेक्षाध्यान का किया अभ्यास
 - जैन विश्व भारती संस्थान में चल रहे सात दिवसीय शिविर का समापन
 - छात्राओं के लिए क्विज प्रतियोगिता और भारतीय भाषाओं की जानकारी दी गई
 - कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने लक्ष्य, लगन और परिश्रम को बताया सफलता का राज
 - ‘भारतीय ज्ञान परम्परा में लौकिक और पारलौकिक दर्शन’ विषय पर व्याख्यान आयोजित
 - महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन
 - स्वयंसेवकों ने माय भारत पोर्टल पर करवाया युवाओं का नामांकन
 - स्वयंसेविकाओं ने ‘समाज में बढती अपराध प्रवृति’ पर निबंध लिख कर रखे अपने विचार
 - टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता रैली का आयोजन
 - शैक्षिक और मनोवैज्ञानिक घटकों की महत्ता से शिक्षा को सशक्त किया जा सकता है- प्रो. जैन
 - मासिक व्याख्यानमाला में वितीय बाजार पर व्याख्यान आयोजित
 - भूमिका न हो तो किसी वस्तु का ज्ञान नहीं हो सकता-प्रो सिंघई
 - जैविभा विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक प्रतियोगिता में नाटक प्रतियोगिता आयोजित
 - ‘मन’ के द्वारा दर्शन हो जाता है, पर ‘मन’ का दर्शन कभी नहीं हो सकता- प्रो. धर्मचंद जैन
 - सामान्य और विशेष निरपेक्ष नही हैं- प्रो. सुषमा सिंघवी
 - सुप्रसिद्ध उद्योगपति केएल पटावरी को किया जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऑफ प्रेक्टिस’ नामित