सांस्कृतिक संध्या में शानदार रहा योग का प्रदर्शन
योग के विद्यार्थियों की कुशलता, क्षमता व प्रतिभा सराहनीय- प्रो. दुबे
लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि नैक पीयर टीम के अध्यक्ष प्रो. योगेश चन्द्र दुबे ने कहा कि उनका यहां का कार्यक्रम रोचक और समीचीन रहा। उन्होंने इस विश्वविद्यालय की प्रत्येक गतिविधि का निरीक्षण-परीक्षण किया। योग विभाग के विद्यार्थियों का प्रदर्शन उनके लिए विशेष रहा, जिसमें क्षमता, कुशलता व प्रतिभा का परिचय मिल रहा है। निस्संदेह यहां के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की संरचना सराहनीय है। श्रेष्ठ प्रस्तुतियों के साथ यह कार्यक्रम अंदर तक आह्लादित करने वाला है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सपना एवं समूह ने मराठी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, तो प्रिया एवं समूह ने कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया। नेहा मिश्रा का सत्यं शिवम् सुन्दरम् पर शास्त्री नृत्य सराहनीय रहा। नेहा पारीक की णमोकार मंत्र पर आधारित प्रस्तुति को भी सभी ने सराहा। योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की छात्राओं ने योग के विभिन्न आसनों का सामुहिक प्रदर्शन करके सबको अचम्भित कर दिया। वहीं विद्यार्थी सुरेश ने एकल योगाभ्यास के करतबों से सबको मोहित किया। मुमुक्षु बहिनों की नाट्य-प्रस्तुति ने भी बभी दर्शकों को दाद देने पर मजबूर किया। कार्यक्रम में मिष्टी जैन की नृत्य प्रस्तुति ने सबको मोहा। राजस्थानी घूमर नृत्य, गुजराती नृत्य, संस्कृत गायन, रिया जैन के राजस्थानी गीत ‘केशरिया बालम आओ नीं पधारो म्हारे देश’ काफी प्रभावी रहे। कार्यक्रम का प्रारम्भ बांसुरी वादन आराधना और सरस्वती वंदना के प्रस्तुतिकरण से किया गया। कार्यक्रम में डॉ. अभिजीत जोशी, प्रो. आनन्द कन्नास्वामी, प्रो. संतोष नांगल, प्रो. मुरलीकृष्ण पानातुला विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत-सम्मान कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, मैनेजिंग कमेटी के सदस्य अमरचंद खटेड़, पूर्व अध्यक्ष डॉ. धर्मचंद लूंकड़, सहमंत्री जीवनमल मालू व प्रमोद बैद ने किया। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार रमेश कुमार मेहता, प्रो. नलिन के. शास्त्री, प्रो. बीएल जेन, प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. अनिल धर, डॉ. जुगलकिशोर दाधीच, प्रो. जगतराम भट्टाचार्य, प्रो. आशुतोष प्रधान, डॉ. अमिता जैन आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदना कुंडलिया व डॉ. युवराज सिंह खांगोरोत ने किया।
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